BA Semester-2 Psychology - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2721
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर

यूनिट - 1

 

अध्याय - 1 : 
मापन

(Measurement)

प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।

अथवा
मापन के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके कार्यों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर -

मापन का अर्थ

मापन जैसे निरपेक्ष शब्द की व्याख्या करना एक कठिन प्रश्न है। प्रायः मापन से अभिप्राय यह लगाया जाता है कि यह प्रदत्तों का अंकों के रूप में वर्णन करना है। मापन किसी वस्तु का शुद्ध एवं वस्तुनिष्ठ रूप से वर्णन करता है।

हैल्मस्टेडटर के अनुसार  - "मापन को एक प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें कि किसी व्यक्ति या पदार्थ में निहित विशेषताओं का आंकिक वर्णन होता है।'

एस.एस. स्टेवेन्स के अनुसार - "मापन किन्हीं निश्चित स्वीकृत नियमों के अनुसार वस्तुओं को अंक प्रदान करने की प्रक्रिया है।'

अतः हम कह सकते हैं, मापन क्रिया विभिन्न निरीक्षणों, वस्तुओं अथवा घटनाओं को कुछ विशिष्ट नियमों के अनुसार सार्थक एवं संगत रूप से संकेत चिन्ह अथवा आंकिक रूप प्रदान करने की प्रक्रिया है। अर्थात् हम मापन के अन्तर्गत विभिन्न निरीक्षणों, वस्तुओं एवं घटनाओं का मात्रात्मक रूप से वर्णन करते हैं। इसमें अंक प्रदान करने के लिए मापन के विभिन्न स्तरों के अनुसार विशिष्ट नियम एवं सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया जाता है।

मापन के कार्य
(Functions of Measurement)

मापन का प्रयोग अनेक उद्देश्यों के लिए होता है, जैसे- स्कूल में परीक्षार्थियों को अंक देने में, उनके वर्गीकरण तथा तरक्की में, अध्यापक की शैक्षिक योग्यता का निर्णय करने में या शिक्षा पर होने वाले व्यय को निश्चित करने में परीक्षण एवं मापन का कार्य उपयोगी होता है। सामान्य तौर पर मापन के निम्नलिखित मुख्य कार्य हैं.

1. पूर्वकथन - पूर्वकथन का अर्थ है-वर्तमान के आधार पर भविष्य के बारे में बताना। हम अपने जीवन में नित्य कोई न कोई निर्णय लेते हैं। एक चिकित्सक यह निर्णय करता है कि रोगी को कैसे ठीक करें। एक व्यापारी यह निर्णय लेता है कि किस कर्मचारी को रखें, किसको निकालें, कच्चा माल कहाँ से खरीदें, वेतन किस प्रकार बाँटे। परीक्षणों के आधार पर कौन व्यक्ति किस क्षेत्र में जाने के योग्य है, यह ज्ञात किया जा सकता है और तदानुसार शिक्षा दी जा सकती है।

2. तुलना - मनोविज्ञान एवं शिक्षा में अनेक अध्ययनों का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह है कि गुणों में व्यक्तिगत विभेद पाया जाता है। ज्ञान, बुद्धि, व्यक्तिगत गुण तथा अन्य सभी शीलगुणों में व्यक्तिगत भिन्नता पाई जाती है। परीक्षणों का एक मुख्य उद्देश्य इन भिन्नताओं का तुलनात्मक अध्ययन करना है। गाल्टन ने इस प्रकार के अध्ययन को बहुत महत्व दिया और व्यक्तिगत विभेदो के कारण का पता लगाने का प्रयत्न किया। तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए दो या अधिक समूहों के ज्ञानोपार्जन बुद्धि या अन्य किसी मापन योग्य तथ्य के सम्बन्ध में आँकड़े एकत्र करते हैं तथा उसका मध्यमान, विचलन आदि निकालते हैं और सांख्यिकीय गणनाओं के आधार पर निश्चित निष्कर्षों पर पहुँचने का प्रयास करते हैं।

3. निदान - शैक्षणिक निदान में अनेक तकनीकी प्रविधियों का प्रयोग होता है जिनका उद्देश्य सीखने की मुख्य एवं विशिष्ट कठिनाइयों का पता लगाना है, और यदि सम्भव हो तो उनके कारण का पता लगाना तथा उनके निराकरण का प्रबन्ध करना है।

मनोविज्ञान में शैक्षिक विषयों और संवेगात्मक कठिनाइयों में ही निदान सम्भव है। शैक्षिक क्षेत्र में निदान के दो रूप हैं: (अ) सामान्य कठिनाइयों का निदान (ब) विशिष्ठ कठिनाइयों का निदान जैसे बोलने, सुनने, देखने की कठिनाइयों या अभावों का पता लगाना।

शैक्षणिक निदान केवल कठिनाइयों का पता लगाने और निराकरण करने में सहायक नहीं होता, अपितु सम्भावित कमियों का पूर्व-ज्ञान प्राप्त करने और पहले से ही उसकी रोकथाम करने में सहायता करना है।

4. चुनाव एवं वर्गीकरण - परीक्षणों की सहायता से अनेक व्यक्तियों में से कुछ को छाँटकर बाकी को अलग किया जा सकता है। मुख्यतः औद्योगिक संस्थानों में, सेना में, सरकारी नौकरियों में तथा स्कूलों में प्रवेश के लिए इनका उपयोग होता है। इसी प्रकार वर्गीकरण भी अनेक परिस्थितियों में सम्भव है। जैसे-परीक्षणों के आधार पर सेना में व्यक्तियों का कार्य वर्गीकृत हो सकता है। मानसिक रोगियों का वर्गीकरण होता है। बुद्धि परीक्षणों के आधार पर विद्यार्थियों को कक्षाओं में रखा जा सकता है।

5. अनुसंधान - अनुसंधान में परीक्षणों का व्यापक उपयोग होता है। इस हेतु दो प्रकार के समूह लिए जाते हैं- नियन्त्रित समूह तथा प्रयोगात्मक समूह। यदि हम यह जानना चाहते हैं कि कोचिंग का बुद्धि- परीक्षण में प्राप्त अंकों पर प्रभाव पड़ता है या नहीं, तो हम नियंत्रित समूह को कोई कोचिंग नहीं देंगे, पर प्रयोगात्मक समूह को देंगे, फिर बुद्धि-परीक्षण करके अंकों की तुलना करेंगे। अनुसंधान में विश्वास योग्य निष्कर्ष प्राप्त करने में मापन अत्यन्त उपयोगी है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
  3. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
  4. प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
  5. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  8. प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
  15. प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  16. प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
  18. प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
  19. प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  21. प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
  22. प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
  23. प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
  24. प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
  25. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  26. उत्तरमाला
  27. प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
  28. प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
  29. प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
  30. प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
  31. प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
  32. प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
  33. प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
  34. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
  36. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
  37. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
  38. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  39. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  40. प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
  41. प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
  43. प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
  44. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
  48. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
  49. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
  50. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
  51. प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
  52. प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
  53. प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
  54. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  55. उत्तरमाला
  56. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
  58. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
  59. प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
  60. प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
  61. प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
  62. प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
  63. प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
  65. प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  66. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  67. उत्तरमाला
  68. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
  72. प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
  73. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
  74. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  75. प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
  76. प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  78. उत्तरमाला
  79. प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
  81. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  83. प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  84. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
  85. प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
  87. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
  88. प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
  89. प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
  90. प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  94. प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
  97. प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
  98. प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  99. प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
  100. प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  101. प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
  102. प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
  106. प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
  107. प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
  108. प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
  109. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  110. उत्तरमाला

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